tag:blogger.com,1999:blog-2301159849171674866.post7228100202232047477..comments2023-10-21T08:28:12.540-07:00Comments on humsafar: हे कृष्ण ! तुम प्रश्नचिन्ह होvandana guptahttp://www.blogger.com/profile/00019337362157598975noreply@blogger.comBlogger26125tag:blogger.com,1999:blog-2301159849171674866.post-64970399977570520512011-06-19T20:43:59.134-07:002011-06-19T20:43:59.134-07:00"हे कृष्ण ! तुम एक प्रश्न चिन्ह हो" कवि..."हे कृष्ण ! तुम एक प्रश्न चिन्ह हो" कविता के माध्यम से आपने कृष्ण को समझने का ' एक प्रयास ' किया है . पर कृष्ण समझने की चीज नहीं, ये तो "समर्पण का नाम" है . इसे तो समर्पित व्यक्ति ही पाते है, ज्ञानी नहीं . कृष्ण कौन हैं , ये तो गोपियाँ ही जानतीं हैं , उद्दव नहीं. मीरा ने कृष्ण को समझा समर्पित हो कर. द्रोपदी का समर्पण, सुदामा का समर्पण, अर्जुन का समर्पण.... और समर्पण तो ज्ञान से कोसों दूर होता है. समर्पित व्यक्ति तो स्वयं "कृष्ण - मय" हो जाता है, और उसका " मन वृन्दावन" . और फिर उसे समझना स्वयं कृष्ण के लिए एक प्रश्न चिन्ह हो जाता है. अस्तु. ...आनन्द विश्वास,अहमदाबाद.Anand Vishvashttp://www.blogger.com/profile/02666085499584633090noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-2301159849171674866.post-7080350055957530902011-06-19T20:22:37.878-07:002011-06-19T20:22:37.878-07:00" हे कृष्ण ! तुम एक प्रश्न चिन्ह हो " क..." हे कृष्ण ! तुम एक प्रश्न चिन्ह हो " कविता के माध्यम से आपने कृष्ण को समझने का ' एक प्रयास ' किया है . पर कृष्ण समझने की चीज नहीं, ये तो "समर्पण का नाम" है . इसे तो समर्पित व्यक्ति ही पाते है, ज्ञानी नहीं . कृष्ण कौन हैं , ये तो गोपियाँ ही जानतीं हैं , उद्दव नहीं. मीरा ने कृष्ण को समझा समर्पित हो कर. द्रोपदी का समर्पण, सुदामा का समर्पण, अर्जुन का समर्पण.... और समर्पण तो ज्ञान से कोसों दूर होता है. समर्पित व्यक्ति तो स्वयं "कृष्ण - मय" हो जाता है, और उसका " मन वृन्दावन" . और फिर उसे समझना स्वयं कृष्ण के लिए एक प्रश्न चिन्ह हो जाता है. अस्तु. <br> .. आनन्द विश्वास. अहमदाबाद.Anand Vishvashttp://www.blogger.com/profile/02666085499584633090noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-2301159849171674866.post-2295526885215658092011-06-05T21:48:44.552-07:002011-06-05T21:48:44.552-07:00Radhey-Krishna ....Radhey-Krishna ....Richa P Madhwanihttp://shayaridays.blogspot.comnoreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-2301159849171674866.post-12160162342136238852011-06-05T09:46:51.630-07:002011-06-05T09:46:51.630-07:00बहुत ही सुन्दर प्रस्तुति | :)) | इस बारे में - गीत...बहुत ही सुन्दर प्रस्तुति | :)) | इस बारे में - गीता का एक श्लोक है -<br> आश्चर्यवद्पष्यति कश्चिदेनम् (some look at him as amazing)<br> आश्चर्यवद्वदति तथैव चान्यः | (and some speak of him as amazing)<br> आश्चर्यवच्चैनमन्यः शृणोति (some hear of him as amazing)<br> श्रुत्वाप्येनं वेद न चैव कश्चित् ॥२.२९ ॥ (still - it is not possible to understand him for most) <br><br>वैसे - यह श्लोक आत्मा के लिए कहा गया है - परमात्मा के लिए नहीं - लेकिन सही बैठता है - कृष्ण पर भी ...shilpa mehtahttp://www.blogger.com/profile/15896384669491336019noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-2301159849171674866.post-8507791198505059762011-06-05T03:04:43.481-07:002011-06-05T03:04:43.481-07:00बहुत ही बढ़िया सुंदर भावाव्यक्ति ,बधाई विवेक जैन v...बहुत ही बढ़िया सुंदर भावाव्यक्ति ,<br>बधाई <br><a href="http://vivj2000.blogspot.com/" rel="nofollow"><b> विवेक जैन </b><i>vivj2000.blogspot.com</i></a>Vivek Jainhttp://www.blogger.com/profile/06451362299284545765noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-2301159849171674866.post-81723424302842971372011-06-04T05:53:38.488-07:002011-06-04T05:53:38.488-07:00मन को झकझोरती रचना।---------कौमार्य के प्रमाण पत्र...मन को झकझोरती रचना।<br><br>---------<br><b><a href="http://ts.samwaad.com/" rel="nofollow">कौमार्य के प्रमाण पत्र की ज़रूरत है?</a></b><br><a href="http://za.samwaad.com/" rel="nofollow">ब्लॉग समीक्षा का 17वाँ एपीसोड।</a>ज़ाकिर अली ‘रजनीश’ (Zakir Ali 'Rajnish')http://www.blogger.com/profile/03629318327237916782noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-2301159849171674866.post-61470386858253791132011-06-02T04:08:30.070-07:002011-06-02T04:08:30.070-07:00कृष्ण भक्ति धारा सगुण या निर्गुण कोई भी हो, जब भी ...कृष्ण भक्ति धारा सगुण या निर्गुण कोई भी हो, जब भी काव्य व्यंजना हो अनायास सौन्दर्य का समावेश हो ही जाता है, और आज तो कृष्ण का पूर्ण रूप दिख ही गया, व्यक्त या अव्यक्त किसी भी रूप में ये सर्वश्रेष्ठ रचना है.कृष्ण को विस्मय भाव से संबोधित कर इस विस्मयकारी रूप को एक नया आयाम दे दिया है. कृष्ण जहां खुद में प्रारंभ, मध्य और अंत हैं, इस सृष्टि की व्यापकता को अणुवत रूप से अगाध और अव्यक्त की सीमा तक ले जाना..... वन्दना जी अगर इसे मात्र कविता ही कहें तो इसकी व्यापकता और अनुनाद के साथ अन्याय ही होगा.Mantra Insighthttp://www.blogger.com/profile/17542637480462532637noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-2301159849171674866.post-72889758395287091752011-06-02T01:10:58.889-07:002011-06-02T01:10:58.889-07:00बहुत सार्थक और सुन्दर प्रस्तुति| धन्यवाद|बहुत सार्थक और सुन्दर प्रस्तुति| धन्यवाद|Patali-The-Villagehttp://www.blogger.com/profile/08855726404095683355noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-2301159849171674866.post-62705968270584956442011-06-01T20:38:38.766-07:002011-06-01T20:38:38.766-07:00raadhe raadhe...!!raadhe raadhe...!!सुरेन्द्र "मुल्हिद"http://www.blogger.com/profile/00509168515861229579noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-2301159849171674866.post-51181297693669805532011-06-01T18:35:31.433-07:002011-06-01T18:35:31.433-07:00कृष्ण पर प्रश्न चिन्ह्ह वही लगा सकता है जो उसके सब...कृष्ण पर प्रश्न चिन्ह्ह वही लगा सकता है जो उसके सबसे करीब हो.. आपका कृष्ण प्रेम छलक रहा है कविता से... बढ़िया कविताअरुण चन्द्र रॉयhttp://www.blogger.com/profile/01508172003645967041noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-2301159849171674866.post-73783817954885943182011-06-01T11:26:58.991-07:002011-06-01T11:26:58.991-07:00कृष्ण आखिर कृष्ण ही हैं ..उनसा न तो कोई हुआ है ..न...कृष्ण आखिर कृष्ण ही हैं ..उनसा न तो कोई हुआ है ..न कोई होगा ....और अब कहो प्रश्नचिन्ह हैं तो सही है ...!: केवल राम :http://www.blogger.com/profile/04943896768036367102noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-2301159849171674866.post-75351594976047899322011-06-01T09:52:51.748-07:002011-06-01T09:52:51.748-07:00prabhavshali bhaktipurn rachnasunder abhivyaktirac...prabhavshali bhaktipurn rachna<br>sunder abhivyakti<br>rachanaRachanahttp://www.blogger.com/profile/15249225250149760362noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-2301159849171674866.post-2346701176303108272011-06-01T09:17:56.380-07:002011-06-01T09:17:56.380-07:00महाभारत श्रंखला की एक बेहतरीन सोच को उजागर करती रच...महाभारत श्रंखला की एक बेहतरीन सोच को उजागर करती रचना , कृष्ण को समझना हम मानव के बस की बात नहीं जब तक की वो आपको स्वयं न समझने दे. युगों को बदलने कृष्ण आएंगे इस कलयुग में तभी होगा वंदना जी शंका का समाधान , शुभकामनायेंकुश्वंशhttp://www.blogger.com/profile/18094849037409298228noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-2301159849171674866.post-81300992092464355522011-06-01T07:27:26.862-07:002011-06-01T07:27:26.862-07:00एक अति सुन्दर प्रस्तुति!!!एक अति सुन्दर प्रस्तुति!!!राज भाटिय़ाhttp://www.blogger.com/profile/10550068457332160511noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-2301159849171674866.post-10649247987558072282011-06-01T05:20:15.693-07:002011-06-01T05:20:15.693-07:00"Krishna" ek aisa shabd hai jisme pura b..."Krishna" ek aisa shabd hai jisme pura brahamnd samahit hai...usko prashn bana dena....sach me ye shabdo ka hi to khel hai...!!<br><br>lekin ye puri tarah se sach hai....bahut pyari rachna...!!Mukesh Kumar Sinhahttp://www.blogger.com/profile/14131032296544030044noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-2301159849171674866.post-33006684094684241222011-06-01T04:43:53.662-07:002011-06-01T04:43:53.662-07:00कौन सा कृष्ण हमारा है ..अव्यक्त में जो व्यक्त है ....कौन सा कृष्ण हमारा है ..<br>अव्यक्त में जो व्यक्त है ...<br>जो व्यक्त हो कर भी अव्यक्त है ...<br>कृष्ण के छलिया रूप पर जिज्ञासु और क्या कहें यही की तुम खुद एक प्रश्नचिन्ह हो , कृष्ण !<br><br>सुन्दर !वाणी गीतhttp://www.blogger.com/profile/01846470925557893834noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-2301159849171674866.post-2968497373836041542011-06-01T04:36:00.609-07:002011-06-01T04:36:00.609-07:00कमाल के प्रश्न आपने खड़े किए हैं। कभी इस दृष्टि से...कमाल के प्रश्न आपने खड़े किए हैं। कभी इस दृष्टि से सोचा न था। फिर भी प्रश्न अनुत्तरित ही रह गए।मनोज कुमारhttp://www.blogger.com/profile/08566976083330111264noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-2301159849171674866.post-6848630306102574052011-06-01T02:52:33.656-07:002011-06-01T02:52:33.656-07:00बहुत सुन्दर प्रस्तुति ...जितना भी सोचो कृष्ण के बा...बहुत सुन्दर प्रस्तुति ...जितना भी सोचो कृष्ण के बारे में उतने ही रूप दिखते हैंसंगीता स्वरुप ( गीत )http://www.blogger.com/profile/18232011429396479154noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-2301159849171674866.post-78914778690709753882011-06-01T01:38:02.662-07:002011-06-01T01:38:02.662-07:00कृष्ण की इतनी छवियाँ साहित्यकारों ने तैयार की हैं ...कृष्ण की इतनी छवियाँ साहित्यकारों ने तैयार की हैं कि कृष्ण प्रश्नों का उत्तर देते-देते स्वयं प्रश्नचिह्न बन जाता है. आपने सही और सुंदर लिखा है.Bhushanhttp://www.blogger.com/profile/10407764714563263985noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-2301159849171674866.post-1191337539677100872011-06-01T01:34:16.662-07:002011-06-01T01:34:16.662-07:00sarthak prastuti .badhai .sarthak prastuti .badhai .शिखा कौशिकhttp://www.blogger.com/profile/12226022322607540851noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-2301159849171674866.post-15962786555599085382011-06-01T01:12:56.127-07:002011-06-01T01:12:56.127-07:00अचिन्त्योहम्।अचिन्त्योहम्।प्रवीण पाण्डेयhttp://www.blogger.com/profile/10471375466909386690noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-2301159849171674866.post-56725557903213208072011-06-01T01:11:08.645-07:002011-06-01T01:11:08.645-07:00प्रश्न हमारा है ,... कृष्ण तो सत्य हैं . न उन्होंन...प्रश्न हमारा है ,... कृष्ण तो सत्य हैं . न उन्होंने चिर बढाया न चुराया ... सब मृगमरीचिका है . उत्तर हमारे भीतर है पर कस्तूरी की तलाश ज्यों हिरण को है , वैसे ही हमें हैरश्मि प्रभा...http://www.blogger.com/profile/14755956306255938813noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-2301159849171674866.post-9501366743082417202011-06-01T00:02:53.760-07:002011-06-01T00:02:53.760-07:00भावों के संयोग वियोग में प्रश्न खडे करती रचना!! सा...भावों के संयोग वियोग में प्रश्न खडे करती रचना!! सार्थक!!सुज्ञhttp://www.blogger.com/profile/04048005064130736717noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-2301159849171674866.post-59370312343971405332011-06-01T00:01:49.972-07:002011-06-01T00:01:49.972-07:00बहुत सार्थक और सुन्दर प्रस्तुतिआप भी सादर आमंत्रित...बहुत सार्थक और सुन्दर प्रस्तुति<br><br><br>आप भी सादर आमंत्रित हैं<br> <a href="http://acupressuresp.blogspot.com/2011/05/blog-post.html" rel="nofollow"> एक्यूप्रेशर चिकित्सा पद्धति का परिचय</a><br> ये मेरी पहली पोस्ट है <br>उम्मीद है पसंद आयेंगीS P Singhhttp://www.blogger.com/profile/14511872100693873097noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-2301159849171674866.post-43418467837962139552011-05-31T23:55:25.320-07:002011-05-31T23:55:25.320-07:00सच कहा आपने आज कृष्ण की ज़रूरत है बहुत सुंदर भावाव...सच कहा आपने आज कृष्ण की ज़रूरत है बहुत सुंदर भावाव्यक्ति ,बधाई ....Sunil Kumarhttp://www.blogger.com/profile/10008214961660110536noreply@blogger.com