मेरे मन मधुबन में आओ-२-
श्याम हम झूला झूलें रे
प्रेम के हिंडोले पर मुझको बिठाकर
श्याम प्रीत की पींगे बढ़ावो रे
श्याम हम .............................
रास रंग में मुझको रंगाकर
श्याम प्रीत की माँग सजावो रे
श्याम हम.................................
डर डर जाऊं जब मैं वैरागन
श्याम प्रेम से गले लगावो रे
श्याम हम ........................
Thursday, January 13, 2011
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श्यामभक्ति में सरावोर सुन्दर भजन!
ReplyDeleteगुनगुनाने में आनन्द आ रहा है!
लोहड़ी, मकर संक्रान्ति एवं उत्तरायणी की हार्दिक बधाई एवं मंगल कामनाएँ!
ReplyDelete--
छत पर जाओ!
पतंग उड़ाओ!
ReplyDeleteबड़ा प्यारा स्नेह आवाहन ....
शुभकामनायें !
जय श्री कृष्णा....
ReplyDeleteबहुत सुन्दर भक्ति गीत
ReplyDeleteफाल्गुन का रंग चढ़ने लगा है!
ReplyDeletechhute na rang aisi... rang hi rang hai isme
ReplyDeleteबहुत ही सुन्दर भावों का संगम ...।
ReplyDeletemere madhuban mein aao re!
ReplyDeleteलोहड़ी, मकर संक्रान्ति पर हार्दिक शुभकामनाएं और बधाई
ReplyDeleteप्रेम-श्रद्धा्मय भक्ति गीत!! अभिनन्दन
ReplyDeleteलोहड़ी,पोंगल और मकर सक्रांति : उत्तरायण की ढेर सारी शुभकामनाएँ।
कृष्ण को साधिकार बुलाती पंक्तियाँ।
ReplyDeleteमकर संक्रान्ति की हार्दिक बधाई !
ReplyDeleteबहुत ही सुन्दर!
ReplyDeleteवंदना गुप्ता जी आपने ब्रज की याद दिला दी| जय हो बांके सँवरिया की|
ReplyDeletebhaktibhav se paripurn sundar bhajan..
ReplyDeleteवंदना जी, बड़ा प्यारा गीत है। बधाई स्वीकारें।
ReplyDelete---------
डा0 अरविंद मिश्र: एक व्यक्ति, एक आंदोलन।
एक फोन और सारी समस्याओं से मुक्ति।
बहुत ही सुंदर रचना.....बधाई...
ReplyDeleteसुन्दर अभिव्यक्ति ।
ReplyDeleteश्याम के प्रेम में डूब कर लिखी गई रचना.. भक्ति रस में हमें भी डूबा गई..
ReplyDeletewaah vandana ji bahut sunder rachna
ReplyDeleteएक बार फिर से..श्याम-प्रेम में विभोर रचना , मन आह्लादित कर गयी
ReplyDeletesundar rachana
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