सखी री मेरे
नैनन पड़ गए फीके
रो-रो धार अँसुवन की
छोड़ गयी कितनी लकीरें
आस सूख गयी
प्यास सूख गयी
सावन -भादों बीते सूखे
सखी री मेरे
नैनन पड़ गए फीके
बिन अँसुवन के
अँखियाँ बरसतीं
बिन धागे के
माला जपती
हो गए हाल
बिरहा के
सखी री मेरे
नैनन पड़ गए फीके
श्याम बिना फिरूं
हो के दीवानी
लोग कहें मुझे
मीरा बावरी
कैसे कटें
दिन बिरहन के
सखी री मेरे
नैनन पड़ गए फीके
हार श्याम को
सिंगार श्याम को
राग श्याम को
गीत श्याम को
कर गए
जिय को रीते
सखी री मेरे
नैनन पड़ गए फीके
Sunday, April 18, 2010
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Nice!!! Sakhi ree
ReplyDeletewaah khoob meera aur shyam ke adbhut prem ka darshan hua...
ReplyDeletehttp://dilkikalam-dileep.blogspot.com/
सुंदर भाव..वियोग रस से सजी एक बढ़िया भावपूर्ण कविता...बधाई
ReplyDeleteक्या बात है
ReplyDeleteआपने गज़ब चित्र दिया है
बहुत बेहतरीन ह्रदय की पवित्र भावनाओं को जब जगत नियन्ता की ओर मोड़ दिया जाता है तो उनमे और पवित्रता आजाती है ,,,, और आप ने जिस तरह इन्हें शब्दों का सम्बल दिया है अदभुद है
ReplyDeleteसादर
प्रवीण पथिक
9971969084
bahut khub
ReplyDeleteshekhar kumawat
http://kavyawani.blogspot.com/
bahut hi aachi rachna....
ReplyDeletenice
ReplyDeleteबहुत भावपूर्ण रचना है।बहुत सुन्दर!!
ReplyDeletenice
ReplyDeleteBahut,bahut sundar!
ReplyDeleteकर गए
ReplyDeleteजिय को रीते
सखी री मेरे
नैनन पड़ गए फीके
बेहतरीन, भाव अत्यंत सघन
रचना पढ़कर हम भी भकितमय हो गये!
ReplyDeleteमगर ये् तो आपका गद्य का ब्लॉग है!
यह रचना तो जिन्दगी पर होनी चाहिए थी!
ek bahot hi acchi rachna. print ke liyai bhaji. yadi uchit samji to katha chakra ke liyai bhaj dai.
ReplyDeleteबिन अँसुवन के
ReplyDeleteअँखियाँ बरसतीं
बिन धागे के
माला जपती
भाव स्पष्ट करने के लिए बिम्बों का उत्तम प्रयोग।
Meera aur Surdaas ke lahze me likhi gayi ye kavita apne aap me ek alag hi sthan rakhti hai Vandana ji.
ReplyDeleteबहुत ही सुन्दर भक्ति रस काव्य है ! बधाई !
ReplyDeleteसुन्दर भक्तिमय भाव!! आनन्द विभोर हुए!!
ReplyDeleteबहुत ही सुन्दर विरह वर्णन। भाषा और भाव का मिश्रण अच्छा है और शिल्प भी ठीक है..एक मुकम्मल रचना के लिये आपको बधाई ।।
ReplyDeleteकर गए
ReplyDeleteजिय को रीते
सखी री मेरे
नैनन पड़ गए फीके
ओह्ह वियोग रस से सजी इतनी भक्तिमय रचना...दिल भीग आया
नैनन पड़ गए फीके
ReplyDeletebahut umda rachna hai