Sunday, May 2, 2010

"मोहब्बत " हो गयी

तुझे देखा
नहीं हुई
तुझे पाया 
नहीं हुई
तुझे चाहा
नहीं हुई
मगर 
जिस दिन
तुझे जाना
"मोहब्बत "
हो गयी

20 comments:

  1. तुझे जानना...अद्भुत। बिल्कुल सत्य। रचना बेहतरीन है।

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  2. कविता तो अच्छी है ही ... पर आपने जो बात कही है वो मुझे बहुत अच्छी लगी ... ये सच है की ज्यादातर लोग जिसे मोहब्बत समझते हैं ... वो तो मात्र केवल एक आकर्षण है ... सच्छी मोहब्बत तो तब होती है जब हम एक दुसरे को जान पाते हैं, समझ पाते हैं !

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  3. लिमटी खरेMay 2, 2010 at 4:20 AM

    वाह इसे ही कहते हैं मोहब्‍बत बहुत बढिया वन्‍दना जी बहुत ही सुंदर इसी तरह लिखते रहिए

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  4. आदरणीया वन्दना जी , रचना तो गूँगे का गुड़ है ।
    आप ने ऐसे कह दिया
    जैसे कहा ही न हो
    ऐसे छू दिया
    जैसे छुआ ही न हो ।

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  5. जिस दिन
    तुझे जाना
    "मोहब्बत "
    हो गयी
    कुछ अलग सा एहसास है मोहब्बत
    सकून देता मखमली घास है मोहब्बत

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  6. सच है...जानना बहुत जरुरी है बिना उसके तो सिर्फ आकर्षण हो सकता है.

    बेहतरीन अभिव्यक्ति.

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  7. जारी रहिए। बढ़िया लिख रही हैं आप।

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  8. Vandana, badi saral sahajtase apni baat rakhti ho...shabdonka kahin aadambar nahi..!

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  9. कम शब्दों में मुहब्बत का फलसफा बयां कर दिया...बहुत खूब

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  10. जानने के बाद मुहब्बत - यही तो सच्ची मुहब्बत है।

    सादर
    श्यामल सुमन
    09955373288
    www.manoramsuman.blogspot.com

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  11. बिलकुल वैसे ही जैसे....देखन में छोटे लगें घाव करें गंभीर...............
    बहुत ही गहराई तक जाती हैं ये कविता....
    आजकल बिना जाने ही तो प्यार हो रहा है....
    बहुत सुन्दर
    जय हिन्द, जय बुन्देलखण्ड

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  12. वंदना जी,
    हमें भी मोहब्बत हो गयी है....आप से...आपकी लेखनी से...आपकी सोच से....आपकी मासूमियत से जो आपकी कविताओं में झलकती है!
    लिखते रहिएगा!

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  13. कमाल का मुक्तक है!
    --
    बिल्कुल ज़मीन से जुड़ा हुआ!
    --
    मुहब्बत के लिए जान-पहचान बहुत बड़ी चीज है!

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  14. 'शहीद' को मेरा नमन...

    जय हिंद...

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  15. bahut gaharee abhivyakti mohabaat kee..aage aisee hee rachnaaon kee pratiksha rahegii...aabhar !!

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  16. vandana ji bhut hi kam shbado me aap ne vastivkkta vyakt kar di sach me sachhi mohabbat to jaane ke baad hi hoti hai

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  17. मतलब सब कुछ स्टेप वाइज़ हुआ ।

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