कविता तो अच्छी है ही ... पर आपने जो बात कही है वो मुझे बहुत अच्छी लगी ... ये सच है की ज्यादातर लोग जिसे मोहब्बत समझते हैं ... वो तो मात्र केवल एक आकर्षण है ... सच्छी मोहब्बत तो तब होती है जब हम एक दुसरे को जान पाते हैं, समझ पाते हैं !
बिलकुल वैसे ही जैसे....देखन में छोटे लगें घाव करें गंभीर............... बहुत ही गहराई तक जाती हैं ये कविता.... आजकल बिना जाने ही तो प्यार हो रहा है.... बहुत सुन्दर जय हिन्द, जय बुन्देलखण्ड
तुझे जानना...अद्भुत। बिल्कुल सत्य। रचना बेहतरीन है।
ReplyDeleteकविता तो अच्छी है ही ... पर आपने जो बात कही है वो मुझे बहुत अच्छी लगी ... ये सच है की ज्यादातर लोग जिसे मोहब्बत समझते हैं ... वो तो मात्र केवल एक आकर्षण है ... सच्छी मोहब्बत तो तब होती है जब हम एक दुसरे को जान पाते हैं, समझ पाते हैं !
ReplyDeleteवाह इसे ही कहते हैं मोहब्बत बहुत बढिया वन्दना जी बहुत ही सुंदर इसी तरह लिखते रहिए
ReplyDeleteआदरणीया वन्दना जी , रचना तो गूँगे का गुड़ है ।
ReplyDeleteआप ने ऐसे कह दिया
जैसे कहा ही न हो
ऐसे छू दिया
जैसे छुआ ही न हो ।
जिस दिन
ReplyDeleteतुझे जाना
"मोहब्बत "
हो गयी
कुछ अलग सा एहसास है मोहब्बत
सकून देता मखमली घास है मोहब्बत
सच है...जानना बहुत जरुरी है बिना उसके तो सिर्फ आकर्षण हो सकता है.
ReplyDeleteबेहतरीन अभिव्यक्ति.
जारी रहिए। बढ़िया लिख रही हैं आप।
ReplyDelete16 aane sach baat. badhayi.
ReplyDeleteबहुत खूब!
ReplyDeleteVandana, badi saral sahajtase apni baat rakhti ho...shabdonka kahin aadambar nahi..!
ReplyDeleteकम शब्दों में मुहब्बत का फलसफा बयां कर दिया...बहुत खूब
ReplyDeleteजानने के बाद मुहब्बत - यही तो सच्ची मुहब्बत है।
ReplyDeleteसादर
श्यामल सुमन
09955373288
www.manoramsuman.blogspot.com
बिलकुल वैसे ही जैसे....देखन में छोटे लगें घाव करें गंभीर...............
ReplyDeleteबहुत ही गहराई तक जाती हैं ये कविता....
आजकल बिना जाने ही तो प्यार हो रहा है....
बहुत सुन्दर
जय हिन्द, जय बुन्देलखण्ड
वंदना जी,
ReplyDeleteहमें भी मोहब्बत हो गयी है....आप से...आपकी लेखनी से...आपकी सोच से....आपकी मासूमियत से जो आपकी कविताओं में झलकती है!
लिखते रहिएगा!
कमाल का मुक्तक है!
ReplyDelete--
बिल्कुल ज़मीन से जुड़ा हुआ!
--
मुहब्बत के लिए जान-पहचान बहुत बड़ी चीज है!
bade kam shabdon me gahri baat kah di...bahut khoob
ReplyDelete'शहीद' को मेरा नमन...
ReplyDeleteजय हिंद...
कम शब्दों में गहरी बात........... मान गए भई ....
ReplyDeletehttp://athaah.blogspot.com/2010/04/blog-post_29.html
BAHUT KHUB
ReplyDeleteBADHAI AAP KO IS KE LIYE
sundar...keep it up..thanks
ReplyDeletebahut gaharee abhivyakti mohabaat kee..aage aisee hee rachnaaon kee pratiksha rahegii...aabhar !!
ReplyDeleteaakhir ho hi gai....
ReplyDeletevandana ji bhut hi kam shbado me aap ne vastivkkta vyakt kar di sach me sachhi mohabbat to jaane ke baad hi hoti hai
ReplyDeleteमतलब सब कुछ स्टेप वाइज़ हुआ ।
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