हिंदी ब्लोगिंग का सामाजिक-सांस्कृतिक और सृजनात्मक पक्ष
ब्लोगिंग एक ऐसा माध्यम है जो अपने विचारों को प्रेषित करने का सबसे सुगम माध्यम है जिसमे हमें अपने विचारों के प्रति सामाजिक प्रतिक्रिया भी तुरंत प्राप्त हो जाती है और हमारी सोच को एक नई दिशा भी मिल जाती है . हमारी सोच और विचारों का दायरा बढ़ने लगता है तथा हम एक नए जहान में प्रवेश करने लगते हैं जहाँ बहुत से लोग हमारे विचारों से सहमत होते हैं और जो सहमत नहीं होते उनके तर्कपूर्ण विचार सोचने को मजबूर करते हैं.
ये एक ऐसी विधा है जिसकी उपयोगिता के प्रति आज ना सिर्फ आम आदमी बल्कि समाज, देश और मिडिया सभी आश्वस्त हैं और ब्लोगिंग से जुड़ने के लिए उसी हद तक बेचैन होते हैं जितना कि आम इंसान ...........और ये अपने आप में ब्लोगिंग की सार्थकता का द्योतक है ............बेशक और भाषाओँ में भी ब्लोगिंग होती है मगर हिंदी ब्लोगिंग ने अब नए- नए आयाम बनाने शुरू कर दिए हैं .आज हिंदी ब्लोगिंग के प्रति कार्यशालाएं आयोजित की जाती हैं और हर वर्ग के लोग इसे सीखने के लिए उत्सुक दिखाई देते हैं .ये हिंदी ब्लोगिंग की सफलता का परिचायक है .
सामाजिक दृष्टि से देखा जाये तो हिंदी ब्लोगिंग बेहद कारगर साबित हुई है . जैसा कि सभी जानते हैं कि आज परिवार छोटे -छोटे हो गए हैं और दोस्तों और रिश्तेदारों से भी मेल मिलाप सिर्फ कुछ खास आयोजनों पर ही संभव हो पाता है ऐसे में इन्सान का सामाजिक दायरा बहुत ही संकुचित होने लगता है और वो अपने घर की चारदीवारी में खुद को कैदी सा महसूस करने लगता है और फिर एक वक्त आता है जब उसे ये लगता है कि उसे कुछ ऐसा करना चाहिए जिससे उसे आत्मसंतुष्टि मिले और जब वो ऐसा नहीं कर पाता तब वो मानसिक रूप से अस्वस्थ होने लगता है और एक तरह की चिडचिडाहट , उकताहट उसमे पैदा होने लगती है जिसका असर उसके घर , परिवार ,समाज और उसकी कार्यक्षमता पर पड़ने लगता है जो कभी - कभी बहुत ही खतरनाक रुख अख्तियार कर लेता है ...........इन हालात में हिंदी ब्लोगिंग ने एक बहुत ही सुन्दर और स्वस्थ प्लेटफ़ॉर्म उपलब्ध करवाया है जिसने इन्सान के जीने और सोचने को नयी दिशा दी और उसके जीवन की धारा ही बदल दी ...........आज हर इन्सान वो चाहे स्त्री हो या पुरुष , कामकाजी हो या घरेलू, पत्रकार हों या फिल्म सेलेब्रिटी सभी का रुझान ब्लोगिंग की तरफ बढ़ा है क्योंकि ब्लोगिंग के माध्यम से इन्सान दूसरों से इतनी आत्मीयता से जुड़ जाता है कि पता ही नहीं चलता कब सम्बन्ध इतने प्रगाढ़ हो गए कि लगता ही नहीं कि कभी एक दूसरे को जानते ही नहीं थे..............आज ब्लोगिंग का दायरा ना सिर्फ देश बल्कि विदेशों तक बढ़ गया है .........आज सभी ब्लॉगर एक दूसरे से मिलते हैं ना सिर्फ देश में बल्कि विदेश में भी ............ब्लोगर्स मीट का आयोजन किया जाता है जिसमे हिंदी ब्लोगिंग के उत्थान के प्रति सबको जागरूक किया जाता है साथ की हिंदी ब्लोगिंग को नयी दिशा कैसे प्रदान की जाये इस पर भी विचार किया जाता है .
आज तकनीक इतनी आधुनिक हो गयी है कि हिंदी ब्लोगिंग का भविष्य उज्जवल दिखाई देता है ........आने वाला कल हिंदी ब्लोगिंग का होगा इसमें कोई शक नहीं है . नए- नए लोग इसकी तरफ आकर्षित हो रहे हैं यही सबसे बड़ा प्रमाण है और इसके साथ आज का युवा वर्ग भी इस तरफ आकर्षित हो रहा है जो इसके उज्जवल भविष्य के प्रति आश्वस्त करता है . यहाँ तक कि कितने ही युवा हिंदी ब्लोगिंग पर पी एच डी कर रहे हैं तो ये कोई छोटी बात नहीं है बल्कि सम्मान का विषय है कि आज हिंदी ब्लोगिंग ने इतने छोटे से अन्तराल में अपना एक खास मुकाम बना लिया है जिसे इतना उच्च स्थान दिया जा रहा है कि वो एक शोध का विषय बन गयी है .........शोध का विषय बनना ही हिंदी ब्लोगिंग की सफलता का द्योतक है .
आज का युग इन्टरनेट का युग है और इन्टरनेट के युग ने ना सिर्फ ब्लोगिंग बल्कि हिंदी ब्लोगिंग को खास बढ़ावा दिया . जब से हिंदी फॉण्ट का प्रयोग करने की सुविधा उपलब्ध करवाई तब से हिंदी ब्लोगिंग ने अपनी राह बनानी शुरू कर डी . अभी तो हिंदी ब्लोगिंग अपनी शैशवावस्था में है . कुछ काल में हिंदी ब्लोगिंग का परचम सारी दुनिया में लहराएगा इसमें कोई शक नहीं है . तकनीक के साथ के कारण हिंदी ब्लोगिंग एक सशक्त माध्यम बन के उभरी है .
हिंदी ब्लोगिंग को सांस्कृतिक दृष्टि से देखा जाये तो एक बहुत ही खास योगदान दे रही है . पहले सिर्फ किताबों के द्वारा ज्ञान संवर्धन होता था और जिन्हें वो उपलब्ध नही होती थी तो उसके लिए कोई खास प्रयास भी नहीं करता था क्योंकि और भी बहुत से काम होते हैं घर परिवार में ........मगर आज हिंदी ब्लोगिंग के माध्यम से सबको अपनी संस्कृति से रु -ब-रु होने का भी मौका मिलता है . कितने ही ब्लोगर ऐसे हैं जो भारतीय संस्कृति के बारे में लिखते हैं . नयी नयी जानकारियां उपलब्ध करवाते हैं . जैसे ही कोई त्यौहार आता है तो उसकी महत्ता के बारे में बताते हैं जिनके बारे में हमने कभी जाना नहीं होता ऐसी ना जाने कितनी ही जानकारियां हिंदी ब्लोगिंग में माध्यम से उपलब्ध हो जाती हैं जो युवाओं का ना सिर्फ मार्गदर्शन करती हैं बल्कि ज्ञानवर्धन भी होता है साथ ही अपनी संस्कृति की पहचान भी होती है वरना तो आज की पीढ़ी को इन बातों का कुछ पता ही नहीं ........ जो लोग हिंदी ब्लोगिंग से जुड़े हैं उनके ज्ञान का दायरा काफी विकसित हो जाता है और अपनी संस्कृति के प्रति उनमे एक लगाव भी पैदा होता है जो आने वाली पीढ़ियों के लिए एक धरोहर बन जाता है . आज जो भी लिखा जा रहा है हिंदी ब्लोगिंग के माध्यम से , सब आने वाली पीढ़ियों के लिए , उनके ज्ञानार्जन के लिए एक मिसाल कायम करेगा.
जहाँ तक हिंदी ब्लोगिंग के रचनात्मक पहलों की बात है तो उसमे भी ये किसी से कम नहीं है . बेशक अभी इसमें सभी ब्लोगर उतनी गंभीरता से नहीं लिखते या कहिये उतना गंभीर लेखन नहीं होता मगर तब भी यहाँ सृजनात्मक पक्ष कमजोर है ये कहना भी उचित नहीं होगा . सभी तरह के लेखक विद्यमान हैं . फिर चाहे वो लेख लिखें या कहानियां या कवितायें या साहित्य सबका अपना दृष्टिकोण होता है . किसी भी लेखन में गंभीरता समय के साथ आती है अगर कोई हल्का भी लिखता है तो यहाँ उसे उत्साहित किया जाता है और अच्छा लिखने के लिए .........प्रशंसा के दो बोल उसे और अच्छा लिखने के लिए प्रेरित करते हैं और धीरे धीरे उसमे परिपक्वता आने लगती है . ऐसा ही हर जगह और हर काल में होता आया है . अगर देखा जाए तो हर युग में लेखक हो या कवि सभी को काफी संघर्ष करना पड़ा और तब भी कितनो को ही जीते जी वो मुकाम हासिल नहीं हो पाया क्योंकि उसे उस वक्त कोई प्रेरित नहीं करता था मगर आज हिंदी ब्लोगिंग के माध्यम से ना जाने कितने ही साहित्यकार , लेखक और कवि अपने मुकाम को हासिल कर रहे हैं और आगे कितने करेगे इसका अंदाज़ा भी नहीं लगाया जा सकता . हिंदी ब्लोगिंग का रचनात्मक और सृजनात्मक पक्ष बेहद सशक्त और सबल है . आज इसका सबसे बड़ा उदहारण ये है कि हमारे कितने ही ब्लोगर दोस्तों की पुस्तकें छप रही हैं , उन्हें बड़े बड़े सम्मान प्राप्त हो रहे हैं . तो क्या ये हिंदी ब्लोगिंग की सफलता के द्योतक नहीं हैं? ये छोटी छोटी उपलब्धियां हिंदी ब्लोगिंग को नया आकाश दे रही हैं जहाँ ब्लोगर रुपी पंछी उन्मुक्त अपनी उडान भर सकता है और अपने लिए एक नया आकाश बना सकता है .
आज तरह- तरह के प्रतिस्पर्धी आयोजन किये जा रहे हैं हिंदी ब्लोगिंग के माध्यम से ताकि अधिक से अधिक लोग इसकी तरफ आकर्षित हो सकें और अपना सार्थक योगदान प्रदान कर सकें . बेशक हर विधा के गुण और अवगुण दोनों होते हैं मगर हमें अवगुणों को भी गुणों में परिवर्तित करना होगा . हिंदी ब्लोगिंग को सामाजिक सरोकारों से जोड़ना होगा . बस जरूरत है आज हिंदी ब्लोगिंग की क्षमता को पहचानने का ..........ब्लोगिंग सिर्फ गंभीर चिंतन मांगती है . करना सिर्फ इतना है कि ब्लोगिंग को नशा ना बनाये बल्कि गंभीरता से मनन , चिंतन करने के बाद कुछ लिखें तो वो मील का पत्थर साबित होगा. वैचारिक मतभेद होने पर भी मनभेद को बढ़ावा ना दिया जाये और स्वस्थ परंपरा का निर्वहन किया जाये तो हिंदी ब्लोगिंग एक ऐसा आधार स्तम्भ प्रदान करेगी जिसके साये तले ना जाने कितने साहित्यकारों का जन्म होगा और देश , दुनिया और समाज में हिंदी ब्लोगिंग के साथ उनका नाम भी रौशन होगा.
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