कैसे खेलूँ मैं कन्हाई
तेरे संग प्रीत की होरी
ब्रज गोपियाँ
ढूँढें गली गली
प्रेम की ओढ़ चुनरिया
यहाँ वहां जहाँ तहां देखा
मिला न श्याम सलोना
जा बैठा छुप के
मैया के आँचल मेंकैसे ढूंढूं मैं कन्हाई
कैसे खेलूँ मैं कन्हाई
तेरे संग प्रीत की होरी
श्याम रंग की
भर पिचकारी
जब सखियों ने मारी
मैं भी हो गयी श्याम रंग में
मैं भी रंग गयी श्याम रंग में
सुन मेरे ओ कन्हाई
अब तो आ जा रे सांवरिया
अब तो मिल जा रे सांवरिया
कैसे खेलूँ मैं कन्हाई
तेरे संग प्रीत की होरी
प्रीत की रीत मैं नाही जानूं
होरी को बन गयो बहानो
श्याम से मिलने है जानो
अब न चलेगो कोई बहानो
आ जा आ जा रे सांवरिया
गले लगा जा रे सांवरिया
श्याम रंग में भिगो जा रे सांवरिया
दुल्हनिया अपनी बना जा रे सांवरिया
प्रेम रस पिला जा रे सांवरिया
फाग मेरी भी मना जा रे सांवरिया
होरी की रीत निभा जा रे सांवरिया
पूरण कर जा हर आस रे सांवरिया
छूटे अब ये भव त्रास रे सांवरिया
होरी का रंग ऐसा चढा जा रे सांवरिया
सुध बुध खो बन जाऊँ जोगनिया
मै तेरी तू मेरा बन जाये रे सांवरिया
इक दूजे मे खो जायें रे सांवरिया
रंग मे रंग मिल जाये रे सांवरिया
इक रंग हो जायें रे सांवरिया
होरी हो जाये सार्थक रे सांवरिया
प्रीत चढ जाये गगन रे सांवरिया
फागुन का आनंद दे गयी यह पोस्ट ! हार्दिक शुभकामनायें और आभार !!
ReplyDeleteवाह बासंती स्वाद वाली कविता है ये आपकी. :)
ReplyDeletepreet ki hori kanha
ReplyDeletekhelun baljori...
holi aur gokul dono aankh mein utar aaye
'कैसे खेलूं मैं कन्हाई
ReplyDeleteतेरे संग प्रीत की होली'
होली के रंग में सराबोर करती रचना।
आपने होली की मस्ती का अहसास करा दिया।
बहुत सुन्दर भाव ...कान्हा के साथ तो जोर ज़बरदस्ती से होली खेलनी होती है :):)
ReplyDeleteतो गोया आप भी फ़ौरन में बौरानी लगी हैं । अब जब आपने शंख में रंग भर के बिगुल फ़ूंक ही दिया है तो फ़िर हम भी होलियाने की तैयारी करते हैं
ReplyDeleteholi par rang bhari shubhakamnayen....
ReplyDeleteबहुत सुन्दर और आनन्ददायक होली गीत!
ReplyDeleteआज हमने भी होली का ही गीत लिखा है और वो भी कान्हा की होली का!
बहुत सुन्दर और आनन्ददायक होली गीत!
ReplyDeleteआज हमने भी होली का ही गीत लिखा है और वो भी कान्हा की होली का!
Vandna ji bahut sundar holi geet prastut kiya hai aapne . Holi ki hardik shubhkamnayen .
ReplyDeleteफ़ागुन के रंग मे रंगी सुंदर रचना, धन्यवाद
ReplyDeleteवाह! आनन्ददायी पोस्ट!!!
ReplyDeleteहोली का माहौल बनाती सुन्दर सी कविता।
ReplyDeleteहोली का माहौल बनती रोमैंटिक रचना ...आनंद आ गया।
ReplyDelete!अतिसुन्दर ... होली मुबारक हो !..
ReplyDeleteमाहौल बना दिया आपने।
ReplyDeleteKhoob khelo horee...par meri e-mail to padho! Mera sim card erase ho gaya hai...mujhe tumhara cell no chahiye dobara,please!
ReplyDelete//होरी हो जाये सार्थक रे सांवरिया//
ReplyDeleteशुभकामनायें और आभार