भ्रष्टाचार को अब तो
समूल नष्ट करना होगा
सोये हुओ को अब जगना होगा
वरना अन्जाम से डरना होगा
ये सोया शेर जागा है आज
इससे बचना है तो
हथियार डालने होंगे
एक अन्ना के साथ
लाखों करोडों सितारे होंगे
अब आसमाँ को झुकना होगा
जमीन को उसका हक देना होगा
देश को भ्रष्टाचार मुक्त करना होगा
वरना क्रांति ऐसी आयेगी
सब बहा ले जायेगी
शासन की जडें हिला जायेगी
जागो ……सोने वालों
अब तो जागो………
आज सोने की चिडिया को अपने ही लोग खा रहे हैं । भारत तो कल भी सोने की चिडिया था और आज भी है ……क्या कमी है कुछ नही तभी तो देखो इतना धन है कि लोग अपने हाथो खोखला कर रहे हैं……………कल परायो ने लूटा आज अपने लूट रहे हैं अगर ऐसा बिल आ गया होता तो आज देश का नक्शा ही दूसरा होता………विश्व पटल पर जब आज भारत की छवि इतनी ऊँचाइयां प्राप्त कर रही है तो ज़रा सोचिये अगर वो धन जो स्विस बैंक मे जमा है वो यहीं उपयोग होता तो देश कहाँ से कहाँ पहुँच गया होता मगर जब पालनहार ही मारनहार बन जाये तो आम जनता कहाँ जायेगी और देश तो बर्बादी के कगार पर पहुंचेगा ही ऐसे मे अन्ना जी जैसे महापुरुष का कदम एक तडपते हुये इंसान के मूँह मे दो बूँद गंगाजल डालने के बराबर है और इसमे हम सब को सहयोग करना चाहिये ये किसी एक इंसान की नही सारे देश की जनता की आवाज़ है और हम सब इस मुहिम मे उनके साथ हैं…………जय हिंद
…आज सोने की चिडिया को अपने ही लोग खा रहे हैं । भारत तो कल भी सोने की चिडिया था और आज भी है …yahi sach hai, pahle bhi apne yahan se ek vibhishan nikla aur aaj sab sursa ki tarah munh failaye hue hain
ReplyDeleteसार्थक पोस्ट ....इस आन्दोलन में एक जुट होना ही होगा ..
ReplyDeleteअन्ना हजारे जैसे लोगों ko आज के माहोल में देश निकाला दे देना चाहिए जो ऐसी महान कोंग्रेस सरकार के रहते भूख हड़ताल पर बैठ गए हैं . हजारे जी देश की जनता द्वारा chuni हुई सरकार के खिलाफ यह धरना कर रहे हैं जैसा की देश के मंत्री और और नेता कहते है की हम देश की जनता द्वारा चुने गए है और किसी ko हमारे द्वारा की गयी कारगुजारियों के खिलाफ बोलने का अधिकार नहीं है. जो बोलेगा वोह जनता के अभिमत का विरोधी होगा. ऐसे में यदि अन्नाजी जैसे लोग हड़ताल करते हैं तो वह देश की जनता के खिलाफ होगा. दुनिया के इतने महान अर्थशास्त्री प्रधान मंत्री मनमोहन सिंह और उनकी टीम के अन्य महानतम नेताओं का विरोध करना अन्नाजी के लिए शर्मनाक है. और जनता के साथ द्रोह है. जनता चाहती है की देश मैं लूटपाट चलती रहे और लोग क्रिकेट के मैच देखते रहे, rock संगीत सुनते रहे, इन्टरनेट पर नंगी फिल्मे देखते रहे और ज्यादा से ज्यादा टैक्स चुकाते रहे ताकि दुनिया की अर्थव्यवस्था भी चलती रहे.
ReplyDeleteमेरा तो कहना है की अन्ना हजारे और उनके जैसे सारे लोगो ko जेल में डाल देना चाहिए ताकि ऐसे महान लोकतंत्र की महान सरकार के खिलाफ बोलने वाला ही कोई न हो क्योंकि राजा चाहे जो करे प्रजा ko उसका अनुगमन करना ही उत्तम है. जबकि यह राजा तो जनता द्वारा ही चुना गया है और बार नहीं दो-दो बार.
मुझे बड़ा गुस्सा है इस बात का कि आज के युवा को गुस्सा क्यों नहीं आता ? वो इतना cool क्यों है? वो कब तक यूं ही अपनी ऊर्जा जाया करता रहेगा ? क्यों नहीं खड़ा हो जाता वो 'अन्ना' के साथ ? मैं तो खड़ी हूँ, और आप ?
ReplyDeleteउड़ाता है सिगरेट के छल्ले ,
वो डिस्को में जाता है ;
महंगी बाइक पर चलता है -
जम के रेस लगाता है ,
मुल्क ' डीप फ्राई ' हो के
तश्तरी में पड़ा हुआ है -
पर -
अल्बर्ट पिंटो* को ,
अब -
गुस्सा नहीं आता है !
* अल्बर्ट पिंटो - ८० के दशक की फिल्म ' अल्बर्ट पिंटो को गुस्सा क्यों आता है ' का एक युवा पात्र.
सही कहा है आपने ...बेहतरीन प्रस्तुति ।
ReplyDeleteअभी एनडी टीवी पर एक चर्चा आ रही थी। मुझे अफसोस है कि लोग अभी भी समझ नहीं पा रहे हैं कि आखिर लोकपाल विधेयक है क्या? आज तक इस देश में कोई भी नौकरशाह और राजनेता पर सीधे कार्यवाही नहीं हो सकती जब तक की उसके वरिष्ठ अधिकारी या मुख्यमंत्री, प्रधानमंत्री आदि से इजाजत नहीं मिले। लोकपाल विधेयक लागू होने पर इन सभी पर सीधे कार्यवाही की जा सकेगी। इसलिए अभी तक राजा और प्रजा के लिए जो दो अलग कानून है उसका भेद दूर होना चाहिए। मैं स्वयं इस विधेयक के पक्ष में 15 वर्ष से लिख रही हूँ।
ReplyDeleteसार्थक विषय, सबको हाथ बढ़ाना होगा।
ReplyDeleteसार्थक पोस्ट के साथ साथ
ReplyDeleteबाबुषा ने कहा…
की सार्थक टीप...
बस एक ध्येय वाक्य ,,,,,'भ्रष्टाचार मिटाना है -हमको आगे आना है ,
ReplyDeleteबहुत सुन्दर,आँखे खोलता प्रेरणापूर्ण लेख.
ReplyDeleteहम सभी को बुराई और भृष्टाचार के विरुद्ध एक जुट हो खड़ा होना चाहिये.
सुन्दर जागरूकता पूर्ण प्रस्तुति
ReplyDeleteबहुत सुन्दर
बहुत - बहुत धन्यवाद
खुशनसीब हैं भारतवासी कि अपनी आहुति देने वाले अभी भी जिन्दा हैं इस देश में , और उनका सम्मान करने वाले भी । अन्ना हजारे जी का व्रत व्यर्थ नहीं जाएगा।
ReplyDeleteहम भी अन्ना हजारे जी के आन्दोलन में सम्मिलित है!
ReplyDeleteसार्थक पोस्ट ....इस आन्दोलन में एक जुट होना ही होगा ..
ReplyDeletesarthak lekh-
ReplyDeletehum bhi aapke saath hain .
JAI HIND ...!!
भ्रष्टाचार को अब तो
ReplyDeleteसमूल नष्ट करना होगा
सोये हुओ को अब जगना होगा....
क्रांतिकारी आह्वान. सारा देश अन्ना के साथ है.
सार्थक विषय, सबको हाथ बढ़ाना होगा.....
ReplyDeleteहम भी अन्ना हजारे जी के आन्दोलन में सम्मिलित है!
सार्थक विषय, सबको हाथ बढ़ाना होगा.....
ReplyDeleteहम भी अन्ना हजारे जी के आन्दोलन में सम्मिलित है!
सार्थक विषय, सबको हाथ बढ़ाना होगा.....
ReplyDeleteहम भी अन्ना हजारे जी के आन्दोलन में सम्मिलित है!
हर वो भारतवासी जो भी भ्रष्टाचार से दुखी है, वो देश की आन-बान-शान के लिए समाजसेवी श्री अन्ना हजारे की मांग "जन लोकपाल बिल" का समर्थन करने हेतु 022-61550789 पर स्वंय भी मिस्ड कॉल करें और अपने दोस्तों को भी करने के लिए कहे. यह श्री हजारे की लड़ाई नहीं है बल्कि हर उस नागरिक की लड़ाई है जिसने भारत माता की धरती पर जन्म लिया है.पत्रकार-रमेश कुमार जैन उर्फ़ "सिरफिरा"
ReplyDeleteअण्णा के आंदोलन की धार प्रखरतम होती जा रही है । सारा देश जागते-अलसाते उनके साथ खडा होता जा रहा है...
ReplyDeleteham bhi saath denge..padhenge likhenge...aur imandari se jiyenge...
ReplyDeleteaur padhayenge..
आपकी पुकार सही है. भविष्य में भी हमें अपने-अपने स्तर पर इस ज्योति को जल्ये रखना होगा, प्रखरता से.
ReplyDeleteभ्रष्टाचारियों के मुंह पर तमाचा, जन लोकपाल बिल पास हुआ हमारा.
ReplyDeleteबजा दिया क्रांति बिगुल, दे दी अपनी आहुति अब देश और श्री अन्ना हजारे की जीत पर योगदान करें आज बगैर ध्रूमपान और शराब का सेवन करें ही हर घर में खुशियाँ मनाये, अपने-अपने घर में तेल,घी का दीपक जलाकर या एक मोमबती जलाकर जीत का जश्न मनाये. जो भी व्यक्ति समर्थ हो वो कम से कम 11 व्यक्तिओं को भोजन करवाएं या कुछ व्यक्ति एकत्रित होकर देश की जीत में योगदान करने के उद्देश्य से प्रसाद रूपी अन्न का वितरण करें.
महत्वपूर्ण सूचना:-अब भी समाजसेवी श्री अन्ना हजारे का समर्थन करने हेतु 022-61550789 पर स्वंय भी मिस्ड कॉल करें और अपने दोस्तों को भी करने के लिए कहे. पत्रकार-रमेश कुमार जैन उर्फ़ "सिरफिरा" सरफरोशी की तमन्ना अब हमारे दिल में है, देखना हैं ज़ोर कितना बाजू-ऐ-कातिल में है.
.....
ReplyDeleteअब कुछ और ही नजरिया है अन्ना जी का | साहेब ने जनता को जिस बात पर इकठ्ठा किये थे उस को अब दूसरी बातो में ढला जा रहा है |हमारे कहने का मतलब है कि कांग्रेस के सामने घुटने टेकने लगे है अन्ना जी|
ReplyDeleteसमाचार पत्र में साफ़ लिखा है कि अन्ना जी ने संसद को सर्वोच्च स्थान दे दिया है |यानी कि इनकी " लोक पाल " कि बातो को मान भी सकते है या नही भी मान सकते है |
क्या अनशन से पहले ये बात थी ?
आगे देखिये वही होगा जो सोनिया चाहेगी | उसके अलावा कुछ नहीं होगा | कांग्रेसियों ने अन्ना जी को लपेटे में ले लिए है |