ॐ जय ब्लोग्वानी
प्रभु जय ब्लोग्वानी
जो कोई तुमको ध्याता
हॉट में स्थान पाता
ॐ जय ब्लोग्वानी .........
घर , परिवार , नौकरी
सब दॉव पर लगा देता
खाना, पीना ,सोना
ब्लॉगर सब भूल जाता
उलटी सीढ़ी टिप्पणियाँ करके
बस टी आर पी में सबसे
ऊपर आना चाहता
ॐ जय ब्लोग्वानी ..........
ब्लॉगिंग के सारे गुण अपनाता
किसी को रिश्तेदार बनाता
किसी से दुश्मनी मोल लेता
उलटे सीधे करम ये करता
विवादास्पद लेख लिखकर
पोस्ट को ऊपर रखना चाहता
ब्लोग्वानी प्रभु के चरण कमलों
में स्थान पाने को
अकृत्य कृत्य भी कर जाता
ॐ जय ब्लोग्वानी ..................
टिप्पणियों के अभाव में तो
अच्छी पोस्टों का
दीवाला ही निकल जाता
बेकार पोस्टों का ही
यहाँ तो दबदबा बन जाता
हॉट के चक्रव्यूह में फंसकर
नॉट में अटक जाता
बेचारा ब्लॉगर हॉट में
स्थान पाने को तरस जाता
जुगाडू ब्लॉगर ही यहाँ
हॉट में कई कई दिन
स्थान पाता
ॐ जय ब्लोग्वानी ..........
ब्लोग्वानी प्रभु चमत्कार कर दो
दीन दुखी ब्लोगरों की
झोली भी भर दो
हॉट के दर्शन करा दो
मनोकामना पूर्ण कर दो
जो कोई तुमको ध्याता
मन वांछित फल पाता
ॐ जय ब्लोग्वानी ...............
इक तेरे बिना इनका कोऊ नाहीं.................
दोस्तों,
ये सिर्फ एक स्वस्थ हास्य है .......काफी दिनों से काफी लोगों को इसी वजह से रोते बिलखते देख रही थी तो सोचा उन सबकी तरफ से थोड़ी सी प्रार्थना ब्लोग्वानी से कर दी जाए.
Thursday, March 18, 2010
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हा हा हा.....बढ़िया आरती है...ब्लोगवाणी की जय हो..
ReplyDeletejai ho blog vani, blog chalesa ke liye bahut bahut aabhar, fir se jai ho blogvani jai ho vandna jee
ReplyDeleteहा हा हा,
ReplyDeleteजोरदार आरती की है आपने।
ब्लागवाणी की जय हो।
शुभकामनाएं
ब्सॉगवाणी की आरती का तो जवाब ही नही है!
ReplyDeleteबहुत बढ़िया आरती है!
चमचागिरी का शानदार मिसाल पेश की है आपने!
अच्छी है चमचागिरी!
मुखरित हास्य है!
बधाई!
वाह क्या बात है वंदना जी ,, बहुत खूब अगर इस आरती से आप को कुछ फायदा हुआ तो मै भी इसे गाने की सोच रहा हूँ
ReplyDeleteसादर
प्रवीण पथिक
9971969084
वंदनाजी आपने तो ब्लागवाणी की पूरी आरती उतार दी ...बहुत बढ़िया पर आपने प्रसाद भी चढ़ाया है की नहीं ?
ReplyDeleteरोते बिलखते लोगों की फरियाद तुमने ब्लागवाणी तक पहुंचायी, हम सब उपकृत हुए। भाई हम तो खरगोश और कछुए की दौड़ के कछुए ही है। अपनी धीमी चाल से ही चलते हैं हमें नहीं आना फर्स्ट वर्स्ट। क्लास में तो आगे बैठने की मजबूरी थी लेकिन यहाँ तो हम चाहे जहाँ रहे। बढिया है आपकी स्तुति।
ReplyDeleteसोच रहा हूं इस आरती को कहीं ब्लॉगर मीट करा के सामूहिक तौर पर गाया जाए...वाकई क्या दिव्य दृश्य होगा...
ReplyDeleteजय हिंद...
जय ब्लोग्वानी ......!!
ReplyDeletebadhiya hai ji....:]
ReplyDeleteहा हा हा हा .......मजा आगया ब्लॉगवाणी कि आरती सुन कर .........बहुत बहुत धन्यवाद
ReplyDeleteहा हा हा वाह्! परम आनन्ददायी इस ब्लागवाणी आरती का जो भक्त नित्य प्रात: श्रवण/गायन करेगा...उसका ब्लाग मोक्ष का अधिकारी होगा:-)
ReplyDeleteबस अब एक "चिट्ठा चालीसा" ओर रच दें तो समझिये ब्लाग भक्तों का कल्याण हो जाये :-)
JAI HO JI JAI HO....
ReplyDeleteKUNWAR JI,
ha ha ha
ReplyDeletevandana ji...
dil khush ho gaya...
जोरदार आरती की है आपने।
ReplyDeleteजैसे ओमजय जगदीश हरे के लिये श्रद्धाराम फुलैरी का नाम लिया जाता है वैसे इस आरती के लिये इतिहास मे वन्दना जी का नाम लिया जायेगा ।
ReplyDeleteहरि ॐ हरि ॐ।
ReplyDeleteजय ब्लोगवाणी।
जय जय ब्लोगवाणी।
ReplyDeleteहा हा हा क्या आरती है.....इतनी जोरदार आरती से तो ब्लागवाणी का आसन डोलना चाहिए
ReplyDeleteॐ जय ब्लोग्वानी
ReplyDeleteप्रभु जय ब्लोग्वानी
जो कोई तुमको ध्याता
हॉट में स्थान पाता
ॐ जय ब्लोग्वानी ..ब्लोगवाणी महाराज की जबरदस्त आरती..अब तो खुश हो ही जाना चाहिए.
_________________
''शब्द-सृजन की ओर" पर- गौरैया कहाँ से आयेगी
nice ....!!
ReplyDeleteये nice वाले महाशय अभी आये नहीं ....उनकी तरफ से है .ये ....nice
सुंदर आरती है ...
ReplyDeleteओम शांति ... शांति ... शांति ...