आज तो
चाँदनी भी
जल रही है
चाँद के
आगोश को
तड़प रही है
मोहब्बत के
दंश झेल रही है
फिर भी
उफ़ ना कर रही है
हर कश पर
ख़त्म होती
धुंआ बन
उडती ज़िन्दगी
गली के
एक छोर पर
खडी
खामोश ज़िन्दगी
फिर भी
दूसरे छोर तक
ना पहुँच
पाती ज़िन्दगी
ख्वाब सा
आया और
चला गया
ना जाने
कितने
मोहब्बत के
ज़ख्म दे गया
तेरा आना
और चला जाना
जैसे ज़िन्दगी
मौत से लड़
रही हो
और फिर
मौत जीत
गयी हो
देखा
मिलन हुआ ना
मैंने कहा था
हम मिलेंगे
एक दिन
और आज
वो दिन था
जब तुम और मैं
रु-ब-रु हुए
तुम मेरे
साथ थे
हाथों में
हाथ थे
देखा
मिलन ऐसे
भी होता है
ख्वाब में
प्यार को ताकत बना
कमजोरी नहीं
प्यार को खुदा बना
मजबूरी नहीं
अस्पष्ट तस्वीरें
गडमड होते शब्द
बिखरते ख्वाब
अव्यवस्थित जीवन
इंसानी वजूद का
मानचित्र
Thursday, March 25, 2010
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चाँदनी भी
ReplyDeleteजल रही है
चाँद के
आगोश को
तड़प रही है
बहुत बढ़िया रचना लिखी है आपने!
चाँदनी जल रही
रात भी ढल रही
आँख थक सी गई
देखने के लिए!
नीद आती नही
याद जाती नही
वो भी मजबूर है
हम भी मजबूर हैं
चाहने के लिए!
हर क्षणिका अलग रंग लिए नयी बात कह रही है...बहुत भाव पूर्ण लिखा है...बधाई
ReplyDeleteप्यार को ताकत बना कमजोरी नहीं ....
ReplyDeleteसन्देश देती ये पक्तियां,अच्छी बेहद रोचक कविता
विकास पाण्डेय
www.vicharokadarpan.blogspot.com
प्यार को ताकत बना
ReplyDeleteकमजोरी नहीं
प्यार को खुदा बना
मजबूरी नहीं
Thats gr8, vandnaji 1
चाँदनी जल रही
ReplyDeleteरात भी ढल रही
आँख थक सी गई
देखने के लिए!
वाह क्या बात है...हर क्षणिका बस लाजबाब है..
एक एक शब्द सजीव हो गया बहुत सुन्दर
ReplyDeletehriday ko chhu dene wali... great !!!!
ReplyDelete---
badi ghor vidambana hai ki main jis hospital me docter hoon... usi hospital men meri biwi nurse hai aur MUJHE USE SISTER KAH KAR SAMBODHIT KARNA PADTA HAI...
वाह सभी बहुत अच्छी लगी शुक्रिया
ReplyDeleteहाहाह हाह्न हह्न्न मै पत्थर हूँ वंदना जी संवेदित रचनाये समझ नहीं आती आप की शैली का हमेशा से ही प्रशंसक रहा हूँ ,, आप शब्दों की सरलता की जितनी पक्ष धर है औतनी गहराई की भी ,,
ReplyDeleteबढ़िया रचना
सादर
प्रवीण पथिक
9971969084
pyaar taakat
ReplyDeletekhuda niyamat
tabhi to shabd shabd bol rahe hain
aapke har shabd main takat hote hai aur aapka har andaz bahut he juda hai padkar aanand aa jata hai bahut bahut badhai ise tarah likte rahen yahe kamna hai
ReplyDeleteसुस्वागतम्
ReplyDeleteBahu sundar tatha gahan abhivyakti ..bahut pasand aai!!
ReplyDeletebahut he achhi khshanikaayein!!
ReplyDeleteहर क्षणिका बहुत कुछ कहती हुई। ख्वाब का मिलन बहुत खूबसूरत।
ReplyDeleteपढ़कर अच्छा लगा, खास तौर पर
ReplyDeleteगली के एक छोर पर
खामोश खड़ी ज़िन्दगी,
वाह ! क्या बात है!
प्यार को ताकत बना कमजोरी नहीं ...
ReplyDeleteखुदा बना मज़बूरी नहीं ...!!
जख्म फूलों के गहरे ज्यादा होते हैं ...
बहुत बढ़िया ...!!
nice
ReplyDeletezindagi ke prati apka darshan, maut ki jeet aur khwabo me milan..........sab kuch kaabil-e-taarif hai
ReplyDeleteshubhkaamnayen