शक्ति का
पूजन , अर्चन
वंदन,श्रृंगार
किया तुमने
मगर साथ ही
शक्ति का
उपहास, परिहास
खण्डन, मर्दन
ह्रास ,त्रास
और तर्पण भी
किया तुमने
फिर कैसे
शक्ति के
उपासक बनते हो
जब शक्ति को ही
शक्ति सा ही
ना वंदन
करते हो
पहले शक्ति का
महिमामंडन करो
शक्ति का
अवलंबन बनो
शक्ति का पथ
आलोकित करो
शक्ति का
संचार करो
शक्ति का
आवाहन करो
शक्ति को
नव जीवन दो
फिर शक्ति स्वयं
बंध जाएगी
तुम्हारे पूजन ,अर्चन
वंदन, श्रृंगार
स्वीकार कर पायेगी
शक्ति की शक्ति
तुम्हें मिल जाएगी
Monday, March 22, 2010
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अच्छा लिखा आपने....."
ReplyDeleteamitraghat.blogspot.com
बहुत अच्छी रचना।
ReplyDeleteबहुत अच्ची अभिव्यक्ति
ReplyDeleteशक्ति का पथ
ReplyDeleteआलोकित करो
शक्ति का
संचार करो
शक्ति का
आवाहन करो
शक्ति को
नव जीवन दो
फिर शक्ति स्वयं
बंध जाएगी
बहुत सुन्दर आह्वान किया गया है शक्ति का!
mata rani ke jai bahut badiya vandan kiya hai vandna jee ne
ReplyDeletemata rani ke jai bahut badiya vandan kiya hai vandna jee ne
ReplyDeleteहम मां का स्मरण कर उसकी शक्ति पाना चाहते हैं पर नारी को पूजने से कतराते हैं, कहां से आएगी शक्ति हमारे अंदर सही वंदन किया माता के शक्ति के रूप का वंदाना जी
ReplyDeleteवंदना जी बहुत ही बेहतरीन रचना लिखी मगर मै आज कल फैले इस द्वन्द को समझ ही नहीं पा रहा हूँ मैंने तो हमेशा स्त्री को माँ के रूप में ही पाया जो रिश्ता सभी स्वार्थो से ऊपर ही होता है,,,, एक हेलेन राईस की कविता याद आरही है उसकी कुछ लायने देना चाहूँगा
ReplyDeleteA Mother's love is something
that no on can explain,
It is made of deep devotion
and of sacrifice and pain,
It is endless and unselfish
and enduring come what may
For nothing can destroy it
or take that love away . . .
It is patient and forgiving
when all others are forsaking,
And it never fails or falters
even though the heart is breaking . . .
It believes beyond believing
when the world around condemns,
And it glows with all the beauty
of the rarest, brightest gems . . .
It is far beyond defining,
it defies all explanation,
And it still remains a secret
like the mysteries of creation . . .
A many splendoured miracle
man cannot understand
And another wondrous evidence
of God's tender guiding hand.
प्रवीण पथिक
9971969084
वंदना जी ,
ReplyDeleteआपने बिलकुल सच कहा है :
शक्ति का
अवलंबन बनो
शक्ति का पथ
आलोकित करो
शक्ति का
संचार करो
शक्ति का
आवाहन करो
शक्ति को
नव जीवन दो
फिर शक्ति स्वयं
बंध जाएगी
शक्ति की पूजा में कन्या पूजा का विधान भी है ........बहुत सुन्दर !!
umadaa...laajawaab...behtareen....aafareen...
ReplyDeletecheers
surender!
बहुत बढ़िया और ख़ूबसूरत रचना लिखा है आपने जो काबिले तारीफ़ है!
ReplyDeletebahut adbhut........!!sacchhi.....!!gahri.......sach......!!
ReplyDeleteMeri or se bhi vandana sweekaren vishv ki adhishthatree shakti ka..
ReplyDeleteiss sundar vichaar k liye badhaai.aise vichaar hi vatavaran banaane kaa kaam karte hai.
ReplyDeleteअच्छा हुआ आज दोनों किस्त एक साथ पढ़ी. बिलकुल जमाने के नब्ज़ पे हाथ रख दी है, बहुत अच्छी जा रही है कहानी,उत्सुकता बनी हुई है....अगली कड़ी का इंतज़ार
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