ये फेरे जन्म मरण के
लगाये तू जा रहा है
कोल्हू के बैल सा
चलता ही जा रहा है
कभी उनकी गली के फेरे
कभी मंडप के हैं फेरे
बस फेरों के फेर में
फिरता ही जा रहा है
कहीं रुसवाइयों के डेरे
कभी डॉक्टर है घेरे
कहीं मंदिर के हैं फेरे
इन फेरों के फेर में
फिरता ही जा रहा है
इक पल घुमा ले वापस
ज़रा ज़िन्दगी की पिक्चर
क्या खोया क्या पाया
इन फेरों के चक्कर में
पशुओं सा जीवन बस
बिता के जा रहा है
इन फेरों के फेर में
फिरता ही जा रहा है
कुछ पल तू ठहर जा
और आत्मज्योति जगा ले
किस मुख से जायेगा
कैसे नज़र मिलाएगा
कुछ अपने लिए भी कर ले
कुछ तो सुकून पा ले
अब फेरों के फेर से
मुक्त हो जा ओ प्यारे
कट जायेंगे सब तेरे
ये जन्म मरण के फेरे
Saturday, March 13, 2010
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उस दिव्य द्रष्टा जगत नियन्ता के प्रति कर्तव्य से भरती हुई कविता ,,, हम तो बस यही कहेंगे
ReplyDeleteओ समग्र पालक अनुभूत करा दो
अपनी उपस्थिति को ,,,,
स्वयं निष्ठ कर दो मेरी स्थिति को ,,,
इन विहंगम फेरो के झंझा वत से निकाल ,,,
सादर
प्रवीण पथिक
9971969084
वही शैली वही भाषा,
ReplyDeleteसमाहित गूढ़ परिभाषा!
वो देखो जा रही भागी,
निराशा संग ले आशा!!
ये फेरे जन्म मरण के
ReplyDeleteलगाये तू जा रहा है
कोल्हू के बैल सा
चलता ही जा रहा है
कभी उनकी गली के फेरे
कभी मंडप के हैं फेरे
बस फेरों के फेर में
फिरता ही जा रहा है
कहीं रुसवाइयों के डेरे
कभी डॉक्टर है घेरे
SACHAI BAYAAN KI HAI VANDAN JI..
Jeevan ke Falsafe ko behatreen dhang se darshati kavita..
ReplyDeleteक्या बात है , लाजवाब लगी कविता ।
ReplyDeleteदर्शन के भाव लिये सुन्दर रचना
ReplyDeleteik aur naya but jordar prayas, aapke lekhan main dino din paina pan aata ja raha hai, ishwar kare aapke lakhne ke chata dino din ujwal hokar failte rahe
ReplyDeleteफ़ेरों के फ़ेर में ...बहुत सुंदर कलम फ़ेरी है आपने जी ..शुभकामनाएं
ReplyDeleteअजय कुमार झा
vandana ji,
ReplyDeletebahut he sundar bhaav...
shubhkaamnaaayein!
वंदना जी ,
ReplyDeleteबहुत सुन्दर, सहज दार्शनिक भाव लिए हुए एक अच्छी रचना !!
कुछ पल तू ठहर जा
ReplyDeleteऔर आत्मज्योति जगा ले
किस मुख से जायेगा
कैसे नज़र मिलाएगा
कुछ अपने लिए भी कर ले
कुछ तो सुकून पा ले
......शाश्वत सत्य.....
लड्डू बोलता है ....इंजीनियर के दिल से....
http://laddoospeaks.blogspot.com
sab 99 ka fer hai.. :)
ReplyDeleteबहुत ख़ूबसूरत और भावपूर्ण रचना लिखा है आपने जो काबिले तारीफ़ है! बधाई !
ReplyDeleteबढ़िया अन्दाज़ है ।
ReplyDeletevandana ji
ReplyDeleteati uttam likha hai.