वो तो हुआ एक भाव ………अब दूजे भाव का है क्या कोई जवाब
प्रश्नोत्तरी ------पुकार
मेरी बेबसी पर
अट्टहास करते हो
या तुम भी
मेरी तरह दुखी होते हो
इम्तिहान लेते हो
या इम्तिहान स्वयं देते हो
मुझे अपराधी ठहराते हो
या स्वयं कटघरे में खड़े होते हो
कभी- कभी समझ नहीं आता
कौन सा न्यारा खेल खेलते हो
मेरी दशा से तुम अन्जान नहीं
तुम्हारी दशा की मुझे पहचान नहीं
ये भटकाव है या ठहराव
अरे तुम हो कारण
और मैं तुम्हारा कार्य
फिर कहाँ रहा भेद
कहो कैसे हो निवारण
जब तुम में और मुझमे भेद नहीं
फिर कौन किस पर अट्टहास करे
तुम्हारा रचाया खेल
तुम ही इसके सूत्रधार
बताओ फिर कौन और करे उद्धार
तुम ही कारण तुम ही निवारण
तुम ही फूल तुम ही सुगंध
तुम ही बीज तुम ही वृक्ष
तुम ही दृश्य तुम ही दृष्टा
फिर बताओ और कौन है सृष्टा
एक तुम ही तुम व्यापते हो
हर रूप में
हर भाव में
हर क्रोध में
हर हँसी में
इर्ष्या, द्वेष, अहंकार
क्षमा, दया, तप
कहो तो किस रूप में तुम नहीं
फिर कौन किससे विलग है
मन , बुद्धि , चित
अहंकार सा रूप ना तुम्हारा है
और जब इस मन में
संकल्प - विकल्प उठते हैं
तो वो रूप भी तो तुम्हारा ही तो हुआ ना
तुमने ही तो कहा ना
हर भाव में मैं ही हूँ
सृष्टि का आदि - अनादि कारण भी मैं ही हूँ
तो फिर अच्छा हो या बुरा
सब तुम्हारा ही तो रूप हुआ
फिर क्यूँ महामायाजाल में उलझाया है
क्यों प्राणी को इसमें फंसाया है
माना ये रूप भी तुम्हारा है
तो क्यों संकल्पों- विकल्पों का
तूफ़ान मन में उठाया है
ये मन रुपी भंवर में
जीव को क्यों उलझाया है
ओ मोहन मुक्त करो
इन विकल्पों से हमें दूर करो
अपनी मायाजाल को
तुम ही समेटो
मत लो ऐसे इम्तिहान
जिसने अपने हर शब्द
हर भाव , हर रूप को
हर सोच को
तुम्हें ही समर्पित किया हो
और यदि कोई
खेल खेलना ही है तो
उससे भी तुम ही उबारना
मगर इस जीव को बस
द्रष्टा ही बना कर रखना
उसके मन पर माया का
आवरण ना डालना
प्यारे बस इतनी सी अरज सुन लेना
हम जन्म जन्मान्तरों से भटके जीव
बडी मुश्किल से तुम्हारा पता पाये हैं
अब तुम्हारी शरण में आये हैं
अब तुम्हारी शरण में आये हैं
हमारा उद्धार करो
कल्याण करो
या नैया डुबा दो
सबमे तुम्हारा ही गौरव होगा
मगर जीव का तो अंतिम आसरा
सिर्फ तुम्हारे चरण होगा
क्रमश:………
इतने उतार-चढ़ाव बचपन से .... फिर मेरी मनोदशा से तुम अनजान !!!
ReplyDeleteक्या दूँ उत्तर - मुझे भी समझा जाये, मेरी भी चाह है
तुम प्रतीक्षित .... मैं भी प्रतीक्षित
चलो ख़ामोशी में उत्तर ढूंढें
उलझन सुलझाते प्रश्न..
ReplyDeleteansuljhi pahelion ki jawab talasi prastuti
ReplyDeleteVery nice
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