Saturday, July 9, 2011

तोसे नैना लड गये जो इक बार

तोसे नैना लड गये जो इक बार
अब खुद को ढूँढे इत उत बावरी बयार
श्याम प्रेम मे री्झ गये दो नैना मतवार
दरस प्यास बुझत नाही चाहे देखे आठों याम


श्याम प्रेम रस माधुरी भीजत है जो इक बार

श्याममय हो जाय है सुध बुध सारी बिसार

मेरी अज्ञान मटकी फ़ोड दयी जा दिन से श्याम
अब श्याम बिना ना दीखत है दिन रात

मन माखन चुराय लिया जा दिना सों श्याम
ह्रदय सिंघासन बैठ गये वा दिना सों श्याम

अपनी सुध बिसार के हो गयी श्याम की डोर
जित ले जायेंगे उडाय के संग चलेगी डोर



नैनन की धोवन मे जब बहते श्याम हो अधीर
अंजुलि भर पी जाऊँ मै वो नैनन को नीर





दोस्तों
इस रसमयी धारा के प्रवाह को आगे बढाने के लिये मै
एक श्रंखला शुरु करने वाली हूँ जिसमे आनन्द की बयार 
बह रही होगी और उम्मीद करती हूँ आप सब का प्यार उसे 
भी इसी तरह मिलता रहेगा………ये शुभ कार्य मै गुरु 
पूर्णिमा से शुरु करने वाली हूँ।

22 comments:

  1. बहुत सुन्दर रचना ...आपकी उस आनंद से भरी हुई श्रंखला का हमें इंतजार रहेगा

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  2. भक्ति रस में रची-बसी सुन्दर रचना पढ़वाने् के लिे आपका आभार!
    --
    नई शृंखला की प्रतीक्षा रहेगी!

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  3. रूमानी रस से सराबोर करती कविता। बधाई।

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  4. सचमुच बहुत सुन्दर आनंदित कर देने वाली रचना अभिव्यक्ति ...आभार

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  5. सुन्दर कविता... अदभुद लिख रही हैं आप इनदिनों... नई शृंखला की प्रतीक्षा रहेगी!

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  6. मेरी अज्ञान मटकी फ़ोड दयी जा दिन से श्याम
    अब श्याम बिना ना दीखत है दिन रात


    वाह बहुत सुन्दर ..भक्ति और प्रेम रस में डूबी रचना मनमोहक लगी ... नयी श्रृंखला का इंतज़ार रहेगा

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  7. बहुत ही बढ़िया रचना

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  8. बढिया है। आगामी प्रयास के लिए शुभकामनाएं।

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  9. भावमयी रचना.

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  10. मेरी अज्ञान मटकी फ़ोड दयी जा दिन से श्याम
    अब श्याम बिना ना दीखत है दिन रात...
    फेसबुक के बाद यहाँ भी इस रसधारा में भीगना बहुत भाया!

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  11. सुंदर अभिवयक्ति....

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  12. सुन्दर रचना पढने को मिली ||
    बहुत-बहुत आभार ||

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  13. श्याम के प्रेम रस में सराबोर रचना...
    'सूरदास ज्यों कारी कामरि चढ़े न दूजो रंग'

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  14. सर्वग्य प्रेमी राज ... श्री कृष्ण के प्रेम में क्या क्या नहीं रचना जा सकता ... लाजवाब लिखा है ...

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  15. shyam rang mein rang diya
    kam aapine badhiya kiya
    guru purnima se aapka swapna sakar hojaye
    sari duniya shyam may ho jay'
    hardik badhay

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  16. खूबसूरत कविता वंदना जी

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  17. बेहतरीन प्रस्‍तुति ।

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  18. Beautiful creation !
    Best wishes for the Anand-shrankhla'

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  19. कान्हा-कान्हा हो गए हम सब....

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