Wednesday, March 16, 2011

आज बिरज मे होरी रे रसिया

आज बिरज मे होरी रे रसिया-2-
मेरे  बिरज मे ना हुई बरजोरी रे रसिया

मै भी प्रेम रंग घोल के बैठी
श्याम मिलन की आस मे बैठी
मुझ संग हुई ना ठिठोली रे रसिया
आज बिरज मे होरी रे रसिया-2-

श्याम रंग की मै हूँ दीवानी
मीरा सी नाचूँ मस्तानी
मुझ संग होरी ना खेले रे सांवरिया
आज बिरज मे होरी रे रसिया

16 comments:

  1. अब लग रहा है कि होली का स्पष्ट आगमन हो चुका है।

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  2. बढ़िया होरी के लिए शुभकामनायें आपको !!

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  3. वाह जी, जय हो...आज बिरज की होरी.

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  4. वंदना जी ,यूँही रूठी रहेंगी तो मनाने आना ही पड़ेगा श्याम को. विरह अग्नि बहुत तपाती है,लेकिन क्या विरह का अपना आनन्द नहीं है?
    shyam to bas isi aanand ke diwane hain aisa humne suna hai.

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  5. बहुत सुन्दर। होली की हार्दिक शुभकामनायें।

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  6. "आज बिरज मे होरी रे रसिया"....वाह!.उम्दा गीत लगाया है ...आनंद आ गया ..होली की बधाई।

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  7. मन में होली मचा गई यह छोटी सी कविता.. बहुत बढ़िया... होली की अग्रिम शुभकामना...

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  8. होली के रंग में रंगी सुन्दर रचना .

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  9. होली आ ही गई
    पक्के में
    गज़ब

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  10. अरे वाह तुमने तो बहुत बढ़िया लय और छंदबद्ध गीत रच दिया!
    अब तो लग रहा है कि होली आ ही गई है!
    क्योकि परसों तो आप कह रहीं थी कि कैसे होली खेलूँ और आज रंग में सराबोर हो!

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  11. bahut sunder geet brij ko rango se sarobaar kar diya aap ne.

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  12. अब सब को होली का रंग चढने लग गया धीरे धीरे...

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  13. आप को होली कि शुभकामनाएँ .....
    जीवन का हर रंग आप पर सुहाना रहे

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  14. वाह....अपन भी राम गए भई होली के रंग में....

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  15. Sundar rachana!
    Holikee dheron mubarakbaad!

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  16. भूल जा झूठी दुनियादारी के रंग....
    होली की रंगीन मस्ती, दारू, भंग के संग...
    ऐसी बरसे की वो 'बाबा' भी रह जाए दंग..

    होली की शुभकामनाएं.

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