मेरे आंसुओं की धडकन पर
जो तुम थिरक थिरक जाओ
मेरे सांसों की सरगम पर
जो तुम मचल मचल जाओ
सच कहती हूँ ……मोहन
मैं मिट मिट जाऊँ
मैं हुलस हुलस जाऊँ
मैं……मैं ना रहूँ
बस तुम ही तुम बन जाऊँ
पूनम की रात ने डेरा लगाया
देख शरद का चाँद खिलखिलाया
मेरे ह्रदय मे महारास नित हो रहा
बस श्याम ही श्याम चहूँ ओर दिख रहा
जो तुम थिरक थिरक जाओ
मेरे सांसों की सरगम पर
जो तुम मचल मचल जाओ
सच कहती हूँ ……मोहन
मैं मिट मिट जाऊँ
मैं हुलस हुलस जाऊँ
मैं……मैं ना रहूँ
बस तुम ही तुम बन जाऊँ
पूनम की रात ने डेरा लगाया
देख शरद का चाँद खिलखिलाया
मेरे ह्रदय मे महारास नित हो रहा
बस श्याम ही श्याम चहूँ ओर दिख रहा
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