अब मर्ज़ी तुम्हारी नैया मेरी
पूजा पाठ की विधि ना जानूँ
और कोई राह ना जानूँ
सांवरे इक तेरे नाम के सिवा
और ना कोई नाम ना जानूँ
अब मर्ज़ी तुम्हारी
हाथ पकडो या छोड दो मुरारी
मै तो जोगन बनी तिहारी
मुझे ना भाये दुनिया सारी
पार लगाओ या मझधार मे डुबा दो मोरी
प्रीत की रीत मै नही जानूँपूजा पाठ की विधि ना जानूँ
और कोई राह ना जानूँ
सांवरे इक तेरे नाम के सिवा
और ना कोई नाम ना जानूँ
अब मर्ज़ी तुम्हारी
हाथ पकडो या छोड दो मुरारी
मै तो जोगन बनी तिहारी
मुझे ना भाये दुनिया सारी
तुम बिन ठौर ना पाये दीवानी
भई बावरी प्रीत बेचारी
भई बावरी प्रीत बेचारी
दर दर भटके मीरा बेचारी
कहीं ना मिलते कृष्णमुरारी
कैसे आये चैन जिया मे
श्याम बिन अंखियाँ बरस रही हैं
श्याम दरस को तरस रही हैं
श्याम रंग मे डूब गयी हैं
श्याम ही श्याम हो गयी हैं
और कोई रंग नही है
और कोई ढंग नही है
जीवन तुम बिन व्यर्थ गया है
जीने का ना कोई अर्थ रहा है
श्याम सुधि ना बिसरायो
इक बार दरस दिखा जाओ
ह्रदयकमल मे आ जाओ
कहीं ना मिलते कृष्णमुरारी
कैसे आये चैन जिया मे
श्याम बिन अंखियाँ बरस रही हैं
श्याम दरस को तरस रही हैं
श्याम रंग मे डूब गयी हैं
श्याम ही श्याम हो गयी हैं
और कोई रंग नही है
और कोई ढंग नही है
जीवन तुम बिन व्यर्थ गया है
जीने का ना कोई अर्थ रहा है
श्याम सुधि ना बिसरायो
इक बार दरस दिखा जाओ
ह्रदयकमल मे आ जाओ
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