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कभी गुजरना शून्य से
ना शब्द ना भाव
ना रूप ना रंग
संज्ञाशून्य हो जाना
अपलक शून्य मे ताकना
और अन्तस मे
शून्य की परिधि से बाहर
निकलने की खोज का जारी रहना
किसी खगोलीय घटना की तरह
कभी गुजरना शून्य से
तब जानोगे शून्यबोध की व्यथा ……एक अन्तर्कथा निर्विकार निर्लेप सी
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